एक पेट और दो गर्दन - भरुंड पक्षी की कहानी

एक झील में एक भारी पक्षी रहता था। वह झील के मीठे पानी में विचरण करता था। झील के किनारे फलों के पेड़ थे जिनसे पके मीठे फल झील के पानी में गिरे और भरुंडा पक्षी उसे खाकर बहुत खुश हुआ।

एक दिन भरुंड पक्षी को एक बहुत ही मीठा फल मिला। इस पक्षी का एक पेट और दो गर्दन और मुंह था। उसने सबसे पहले गर्भाशय ग्रीवा से फल पकड़ा और उसे अपने मुँह से निगलने के लिए तैयार हो गया। दूसरे मुंह ने उससे कहा कि तुम हर बार मीठे फल खाओ। इस बार मुझे फल का स्वाद लेने दो। इस पर पहले मुंह ने कहा कि हम दोनों का पेट एक जैसा है। मैं फल खाऊं या तुम खाओ, यह एक ही पेट में जाना है। तो तुम मुझे फल खाने दो, मुझे मत रोको। यह कह कर पहले मुँह ने फल को निगल लिया। इस पर दूसरे मुंह को बहुत गुस्सा आया, वह बहुत दुखी हुआ। इसके लिए वह पहले मुंह से बदला लेने की योजना बनाने लगा।

एक दिन झील में भटकते हुए दूसरे चेहरे ने जहरीला फल देखा। उसने यह फल खाने की सोची। इससे पहले उनके मुंह का ख्याल बहुत डरा हुआ था। उसने उसे फल खाने से रोक दिया। लेकिन दूसरे मुंह ने उसकी एक न सुनी। पहले तो ग्रिव ने इसे समझा और कहा कि यह एक जहरीला फल है, अगर हम इसे खाएंगे तो इसका जहर हमारे पेट में चला जाएगा और हम दोनों मर जाएंगे।

But the other-faced person insisted and ate the curry fruit. Due to this, the poison spread in the body. The Bharund bird died due to the mistake of those two separate cervicals.

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