एक बार एक भिखारी एक सज्जन से भीख मांगने आया. भिखारी दीन दशा बनाए उस सज्जन से क्षुधा निवारण के लिए कुछ मांग रहा था . उस सज्जन ने भिखारी से पूछा ? तुम भीख कयों मांगते हो ? भिखारी ने कहा मैं निर्धन हू…
Read more »भोगा न भुक्ता वयमेव भुक्ता, तृष्णा न जीर्णा वयमेव जीर्ण. अर्थात भौतिक विषयों के भोग नहीं खत्म हुए हम मनुष्यों का जीवन ही समाप्त हो गया . तृष्णा ख़त्म नहीं हुई लेकिन विषय रसों का भोग करने वाली हमारी इन…
Read more »अगर आप किसी ईसाई या मुसलमान से पूछोगे कि sunday को sunday ही क्यों कहा जाता है? क्या कारण है इसका ? तो वह कुछ नहीं बता पायेगा . इस विषय में मैं अपने पिताजी से कल पूछा . उन्होंने बताया की सूर्य जिस ग…
Read more »तीन तरह का हठ प्रसिद्ध है । बाल हठ राज़ हठ और त्रिया हठ । राजा अगर कोई बात ठान ले तो उसे पूरा कर के ही रहता है । ऐसे ही एक कहानी है जिसमे एक राजा जिद मे आकर नदी की पानी को रोक दिया था जो उसके राज स…
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